बंद सलाखों के पीछे से झाँकती उदास आँखें जिनमें उम्मीद सूख चूकी है, नये चेहरे देखकर अब कोई काश नहीं आता मन मे, चिड़चिड़े सरकारी कर्मचारी जिन्हें दुनिया केयरटेकर कहती है। अपने बच्चों को, अपनी परेशानियों को कभी शेल्टर होम या अनाथालय लेकर आईये। ताकि हम सब जानें
by wanderer_wordweaver 6 years ago | via Instagram